सहर-एक नयी सुबह

कुछ बातें ऐसी भी होंती हैं जिसे आप ज़माने वालों को बताना चाहते हैं पैर कभी कभी आप कह नहीं सकते....मुझे ऐसा लगता है इस से बढ़िया तरीका कोई नहीं हो सकता है...कहीं इस से किसी का कुछ भला हो सके....
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सहर-एक नयी सुबह

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Thursday, January 6, 2011

माँ.......

जिंदगी की राहों में तेरा साथ छूट गया..

तेरी ममता खो गयी...

तेरा प्यार खो गया...

रह गयीं वो बचपन की यादें...

वो लोरी...वो बातें...

वो काजल के टीके की निशानी...

बचपन की बातें तेरी ज़ुबानी...

आँसू छुपाकर तेरा मुसकराना...

कहना बमुश्किल...

जहाँ रहो खुश रहना...

ये कहते कहते...

उन होठों का थरथराना...

काँपते हाथों से आशीर्वाद देना...



जहाँ हूँ...

जैसा हूँ...

खुश हूँ...

कुछ भी हो...

आख़िर तेरा बेटा हूँ....

खुशी में..गम में...

तुम्हें सदा याद करता हूँ...

आख़िर तेरा बेटा हूँ....

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